SMS Hospital Jaipur News: राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, सवाई मान सिंह (SMS Hospital) में रविवार देर रात भीषण हादसा हो गया। ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित आईसीयू वार्ड में आग लगने से एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें झुलसने से 7 लोगों की दुखद मौत हो गई है। मरने वालों में दो महिलाएँ भी शामिल हैं। ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने इन मौतों की आधिकारिक पुष्टि की है।
हादसा और जान बचाने की जद्दोजहद
हादसे की सूचना मिलते ही अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई, और वार्ड में धुआं तेजी से फैल गया। मरीजों और उनके परिजनों में भगदड़ की स्थिति बन गई। अस्पताल स्टाफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मरीजों की निकासी शुरू की। इस दौरान, पुलिस, अस्पताल प्रशासन और दमकलकर्मियों ने आईसीयू से 11 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाला।
- पीड़ितों की स्थिति: जानकारी के मुताबिक, आग में झुलसने से 4 से 5 मरीजों को गंभीर बर्न इंजरी हुई हैं, जिनका इलाज जारी है। बचाव कार्य में जुटे अस्पताल स्टाफ के चार-पाँच लोग भी धुएं की वजह से बीमार हुए हैं।
- सड़क पर शिफ्टिंग: स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, काफी देर तक मरीजों को बेड सहित अस्पताल के बाहर सड़क पर रखना पड़ा ताकि उनकी जान बचाई जा सके। मौके पर पहुँचे परिजनों ने भी मरीजों को निकालने में सहयोग किया।
मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
घटना की सूचना मिलते ही राज्य में हड़कंप मच गया। उप-मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने तुरंत मौके पर पहुँचे और बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने पुष्टि की कि सभी मरीजों को बाहर निकाल लिया गया है और घायलों का इलाज किया जा रहा है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मौके पर पहुंच कर घटना की विस्तृत जानकारी ली और तुरंत उच्च-स्तरीय जांच के निर्देश दिए।
आग लगने का कारण और जाँच के आदेश
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग संभवतः किसी विद्युत उपकरण में शॉर्ट सर्किट से लगी, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि विस्तृत जांच के बाद ही की जाएगी। इस भीषण घटना के बाद पूरे अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और फायर सेफ्टी सिस्टम की समीक्षा शुरू कर दी गई है। मामले की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।। यह घटना एक बार फिर अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर सुरक्षा प्रोटोकॉल और अग्निशमन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है, लेकिन स्टाफ की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ी त्रासदी टल गई।