पुरी, ओडिशा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 वर्ष पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर, विश्व प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी तट पर एक भव्य कलाकृति बनाकर इस शताब्दी वर्ष की उपलब्धि को चिह्नित किया है। पटनायक, जो अपनी कला के माध्यम से राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व के विषयों को उजागर करने के लिए जाने जाते हैं, ने इस अवसर को संगठन के गौरवशाली 100 वर्षों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए चुना।
रेत कला में 100 वर्षों की यात्रा का चित्रण
सुदर्शन पटनायक द्वारा बनाई गई यह रेत कलाकृति (Sand Art) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की एक शताब्दी लंबी यात्रा और राष्ट्र के प्रति उसके समर्पण को दर्शाती है।विषय-वस्तु: इस कलाकृति में संभवतः भगवा ध्वज (Bhagwa Dhwaj), जो संघ का गुरु है, और RSS 100 लिखा गया लोगो प्रमुख रूप से उकेरा गया होगा। यह कलाकृति स्वयंसेवकों के अनुशासन, संगठन के विस्तार और राष्ट्र निर्माण के संकल्प को भी दर्शाती है।
कलाकार का उद्देश्य: पटनायक अक्सर अपनी रेत कलाकृतियों के माध्यम से महत्वपूर्ण सामाजिक, धार्मिक और राष्ट्रीय संदेश देते हैं। RSS के शताब्दी वर्ष पर उनकी कलाकृति बनाना, संघ के व्यापक सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव को रेखांकित करता है।
कला, संस्कृति और राष्ट्रीय महत्व
ओडिशा के समुद्र तट पर बनी यह कलाकृति कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। यह आयोजन ऐसे समय में हुआ है जब संघ अपने शताब्दी वर्ष (Centenary Year) के उपलक्ष्य में देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, और यह कलाकृति उस राष्ट्रव्यापी उत्साह और ऐतिहासिक उपलब्धि का एक कलात्मक प्रदर्शन है।
यह अनूठा प्रदर्शन दर्शाता है कि कैसे कला और संस्कृति भी राष्ट्र के प्रति समर्पण और सेवा के 100 वर्षों के इतिहास और उपलब्धि को सम्मान देने में अपनी भूमिका निभाती है।