कल्याण मंत्र:
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः।
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
कल्याण मंत्र का अर्थ (Meaning)
- सर्वे भवन्तु सुखिनः – सभी सुखी हों।
- सर्वे सन्तु निरामयाः – सभी निरोगी रहें।
- सर्वे भद्राणि पश्यन्तु – सभी मंगलमय दृष्टि से जीवन देखें।
- मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत् – कोई भी दुःख का भागी न बने।
- ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः – जीवन, समाज और ब्रह्मांड में शांति बनी रहे।
कल्याण मंत्र का महत्व
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में प्रतिदिन कल्याण मंत्र का उच्चारण किया जाता है। यह मंत्र वेदों और उपनिषदों से लिया गया है और इसमें भारतीय संस्कृति की मूल भावना निहित है – सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय।
यह केवल प्रार्थना नहीं है, बल्कि एक जीवनदर्शन है जो हमें सिखाता है कि समाज और विश्व का कल्याण ही सच्चे धर्म का मार्ग है।
- यह मंत्र समाज में समरसता लाने का संदेश देता है।
- यह सर्वधर्म समभाव और वैश्विक भाईचारे को मजबूत करता है।
- यह संघ के स्वयंसेवकों को प्रेरित करता है कि वे निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा करें।
- इस मंत्र का उच्चारण मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन प्रदान करता है।
संघ के संदर्भ में कल्याण मंत्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा में दिन का प्रारंभ और समापन प्रार्थना व मंत्रोच्चार से होता है। इसमें कल्याण मंत्र विशेष रूप से शामिल है।
RSS मानता है कि व्यक्ति का कल्याण ही समाज के कल्याण से जुड़ा है, और समाज का कल्याण ही राष्ट्र की शक्ति है। यही संदेश कल्याण मंत्र की प्रत्येक पंक्ति में झलकता है।