एक थम्बिया महल के बारे में रोचक जानकारी । All About Ek Thambiya Mahal Dungarpur in Hindi

डूँगरपुर के एक थम्बिया महल (Ek Thambiya Mahal) के बारे में रोचक जानकारी। महारावल शिवसिंह द्वारा निर्मित यह दो मंजिला महल गेपसागर झील के किनारे स्थित है, जो परेवा पत्थरों पर उत्कीर्ण वागड़ वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। इसके इतिहास, निर्माण और महत्व को जानें।

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डूँगरपुर: राजस्थान, अपनी ऐतिहासिक इमारतों और शानदार वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इन्हीं में से एक अनूठी धरोहर है डूँगरपुर (Dungarpur) शहर में स्थित ‘एक थम्बिया महल’ (Ek Thambiya Mahal)। यह केवल एक महल नहीं, बल्कि वागड़ (Wagad) क्षेत्र की उत्कृष्ट शिल्प कौशल और एक पुत्र की अपनी माता के प्रति गहरी श्रद्धांजलि का प्रतीक है। गेपसागर झील (Gap Sagar Lake) के सुरम्य तट पर स्थित यह दो मंजिला संरचना, पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करती है।


निर्माण का उद्देश्य: एक पुत्र का मातृ प्रेम और भक्ति का प्रतीक

एक थम्बिया महल का निर्माण सन् 1730 से 1785 के बीच शासन करने वाले महारावल शिवसिंह (Maharawal Shiv Singh) द्वारा करवाया गया था। इस महल के निर्माण के पीछे एक गहरा भावनात्मक कारण था – महारावल शिवसिंह ने इसे अपनी पूजनीय माता ज्ञान कुंवर (Gyan Kunwar) की स्मृति में समर्पित किया था।

मूल रूप से, इस संरचना को शिवज्ञानेश्वर शिव मंदिर (Shivgyaneshwar Shiv Mandir) के रूप में बनवाया गया था, जो माँ की याद में धार्मिक श्रद्धा और वास्तुकला के संगम को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि कैसे इतिहास में इमारतें सिर्फ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि प्रेम और भक्ति जैसे गहरे मानवीय भावों को व्यक्त करने के लिए भी बनाई जाती थीं।


वास्तुकला का बेजोड़ नमूना: परेवा पत्थरों की नक्काशी

एक थम्बिया महल वागड़ (Wagad) क्षेत्र की विशिष्ट वास्तुकला (Architecture) का एक अद्भुत और अनूठा नमूना (Unique Example) है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसके निर्माण में इस्तेमाल किए गए परेवा पत्थरों (Pareva Stones) पर की गई बारीक और जटिल नक्काशी (Intricate Carvings) है।

  • दो मंजिला संरचना: यह महल एक अनूठा दो मंजिला (Two-Storey) डिज़ाइन प्रस्तुत करता है, जो इसे अन्य राजस्थानी महलों से अलग बनाता है।
  • उत्कीर्ण कलाकृतियाँ: महल की दीवारों और खंभों पर उत्कीर्ण विभिन्न कलाकृतियाँ (Artworks) और रूपांकन (Motifs) अत्यंत आकर्षक और मनमोहक हैं। ये कलाकृतियाँ उस समय के शिल्पकारों की असाधारण कुशलता और सौंदर्य बोध का प्रमाण देती हैं। परेवा पत्थर पर की गई नक्काशी, जो स्थानीय रूप से उपलब्ध है, इस महल को एक विशिष्ट पहचान देती है।

सुरम्य स्थान: गेपसागर झील के किनारे

एक थम्बिया महल डूँगरपुर की प्रसिद्ध और सुरम्य गेपसागर झील (Gap Sagar Lake) के पूर्वी तट पर स्थित है। झील का शांत जल और आसपास की हरियाली इस महल की सुंदरता को और बढ़ा देती है, जिससे यह फोटोग्राफी और शांतिपूर्ण क्षण बिताने के लिए एक आदर्श स्थान बन जाता है। झील के किनारे इसकी स्थिति इसे एक शांत और आकर्षक ऐतिहासिक स्थल बनाती है।


डूँगरपुर नगर का ऐतिहासिक संदर्भ

यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि डूँगरपुर नगर (Dungarpur City) को स्वयं महरावल डूँगरपुर सिंह (Maharawal Dungarpur Singh) द्वारा बसाया गया था। इस शहर की स्थापना और इसके शासकों की परंपरा ने ही एक थम्बिया महल जैसी भव्य संरचनाओं को जन्म दिया, जो क्षेत्र के गौरवशाली इतिहास को दर्शाती हैं।

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