Sunday, May 19, 2024
धर्मत्यौहारShani Jayanti 2023: जानें शनि जयंती का महत्व और पूजा विधि

Shani Jayanti 2023: जानें शनि जयंती का महत्व और पूजा विधि

Shani Jayanti 2023 in Hindi: शनि जयंती को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शनि, भगवान सूर्यदेव के पुत्र हैं और शनि ग्रह और सप्ताह के दिन शनिवार को नियंत्रित करते हैं। माना जाता है इस दिन शनि अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। शनि की साढ़े साती, ढैय्या या शनि की महादशा से गुजर रहे भक्तों के लिए यह दिन विशेष फल देने वाला है। इस साल यानी 2023 में शनि जयंती 19 मई को है।

शनि जयंती का महत्व

शनि जयंती वट सावित्री व्रत के साथ मेल खाती है जो अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में ज्येष्ठ अमावस्या के दौरान मनाया जाता है। शनि जयंती पर भक्त भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए उपवास या उपवास रखते हैं और भगवान शनि का आशीर्वाद लेने के लिए शनि मंदिरों में जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शनि निष्पक्ष न्याय में विश्वास करते हैं और प्रसन्न होने पर अपने भक्त को सौभाग्य और भाग्य का आशीर्वाद देते हैं। जिन लोगों पर शनि देव की कृपा नहीं होती है, वे जीवन में अपनी मेहनत का कोई पुरस्कार प्राप्त किए बिना वर्षों तक मेहनत करते हैं।

शनि देव की पूजा सामग्री

शनि देव की पूजा विधि कई लोगों द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसे नियमित रूप से आचरण किया जाता है। नीचे दी गई है शनि देव की प्रमुख पूजा विधि का विवरण:

सामग्री:

  1. शनि देव की मूर्ति या यंत्र
  2. शनि देव के बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का जाप करने के लिए माला या जपमाला
  3. जल, गंध, दीप, फूल, पुष्पांजलि
  4. पूजा थाली (पूजा के सामग्री रखने के लिए)
  5. पूजा के लिए कपड़ा, रोली, अक्षत (चावल), धूप, दीपक, नग का चढ़ावा, पंचामृत (दूध, घी, दही, मधु, शहद), नारियल, नगद, दान के लिए धन, फल, स्वीट्स आदि

शनि देव की पूजा विधि

  1. शुभ मुहूर्त और शुभ दिन का चयन करें। शनिवार शनि देव को प्रिय है, इसलिए शनिवार को शनि देव की पूजा करना अच्छा माना जाता है।
  2. पूजा स्थल को साफ़ करें और उसे सजाएं। एक पूजा थाली पर पूजा सामग्री रखें।
  3. शनि देव की मूर्ति या यंत्र को पूजा के लिए सामने रखें।
  4. पूजा शुरू करने से पहले अपने हाथों को धो लें।
  5. पूजा थाली पर रोली लेकर शनि देव की मूर्ति या यंत्र को रोली से चिढ़ाएं।
  6. अब शनि देव को जल, गंध, दीप, फूल, पुष्पांजलि, और पंचामृत के साथ पूजें।
  7. अपनी भक्ति और मन से शनि देव के बीज मंत्र का जाप करें। जप के बाद, अपनी प्रार्थनाएं कहें और शनि देव को अर्पण करें।
  8. धूप और दीपक जलाएं और अर्पण करें।
  9. नारियल, नग का चढ़ावा और फल को भोग के रूप में शनि देव को दें।
  10. अंत में, पूजा के बाद अपनी प्रार्थनाएं करें और शनि देव का आशीर्वाद लें।

यहां दी गई पूजा विधि एक सामान्य रूपरेखा है। आप अपनी आधार पर इसे विस्तारित और अनुकूलित कर सकते हैं। पूजा में श्रद्धा और विश्वास के साथ आचरण करें और इसका नियमित रूप से आचरण करने से शनि देव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो सकते हैं।

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