नीमूचाना जन आंदोलन शताब्दी वर्ष समारोह आयोजित

नीमूचाना धरोहर संरक्षण समिति एवं इतिहास संकलन समिति, जयपुर प्रांत के संयुुक्त तत्वाधान में नीमूचाना जन आंदोलन शताब्दी वर्ष समारोह नीमूचाना गांव में आयोजित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि अंग्रेजो द्वारा 14 मई 1925 को अलवर के नीमूचाना में घोर निन्दनीय हत्याकांड किया गया था। जहां निर्दोष किसानो को बिना कोई सूचना चेतावनी के अंधाधुंध गोलाबारी एवं तोप के गोलो से मौत के घाट उतार दिया गया था।यह अंग्रेजो की घोर क्रूरता थी। अपने उद्बोधन में  निम्बाराम ने 111 वर्षीय प्रत्यक्षदर्शी नानूरी देवी का आभार व्यक्त किया। साथ ही नीमूचाना धरोहर संरक्षण समिति बनाने के लिए समिति के सदस्यों का आभार प्रकट किया।
मंचासिन अतिथियों में इतिहास संकलन समिति के सह संगठन सचिव राजस्थान क्षेत्र डॉ राकेश शर्मा एवं हत्याकांड की प्रत्यक्षदर्शी 111 वर्षीय नानूरी देवी मौजूद रही।
 आगे अपने संबोधन में निम्बाराम ने कहा कि हमारे इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, इस देश ने बहुत बलिदान दिया है। हमारे पूर्वजों ने देश को केवल देश नहीं माना इसे मातृभूमि माना आज भी हम इसे माता कहते है। हमारे पूर्वजों का इस बात के पीछे भाव था देश हमे देता है सबकुछ हम भी तो कुछ देना सीखे। उन्होंने कहा हमने सम्पूर्ण प्रकृति के साथ रिश्ता जोड़ा। हमारे यहां परिवार की कल्पना केवल पत्नी बच्चे नहीं था, घर में रहने वाली गाय भी परिवार का सदस्य है। इसलिए तो गौ माता है।  उन्होंने कहा पहाड़, नदी हमें प्राणवायु देते है हमें प्रकृति का शोषण नहीं करना चाहिए।
कार्यक्रम में बडी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लिया। सभा स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने राजस्थान सरकार से इस गांव को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिए जाने की मांग की।

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