जैसलमेर, राजस्थान: जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर मंगलवार को एक भीषण सड़क हादसे में 20 लोगों की दुखद मौत हो गई। जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक प्राइवेट एसी स्लीपर बस में अचानक आग लग गई। आग इतनी भयावह थी कि 19 यात्री मौके पर ही जिंदा जल गए, जबकि जोधपुर ले जाते समय एक और घायल यात्री ने दम तोड़ दिया। इस हृदयविदारक हादसे में 15 लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिनका इलाज जारी है।
हादसे का कारण और भयानक मंजर
यह भीषण दुर्घटना जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर हुई। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, आग लगने की वजह बस के पीछे लगे एसी यूनिट में हुआ शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।
- मौतों का कारण: आग लगते ही बस का दरवाजा लॉक हो गया, जिससे यात्री बाहर नहीं निकल पाए। जान बचाने के लिए कुछ लोगों को चलती गाड़ी से कूदना पड़ा।
- भयानक मंजर: चश्मदीदों के मुताबिक, बस में इतनी तेज आग लगी थी कि कोई उसके पास भी नहीं जा पा रहा था। स्थानीय लोगों ने पानी के टैंकरों से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए।
पोकरण विधायक प्रताप पुरी ने 20 लोगों की मौत की पुष्टि की। बस में कुल 57 यात्री सवार थे।
सेना ने संभाला मोर्चा: 45 मिनट देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड
हादसे की जानकारी मिलने के बाद भी करीब 45 मिनट तक कोई फायर ब्रिगेड मौके पर नहीं पहुंची। इसके बाद सेना (आर्मी) को सूचना दी गई। सेना JCB लेकर घटनास्थल पर पहुंची और बस का गेट तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सेना के जवानों ने कई घायल यात्रियों को बाहर निकाला, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
राष्ट्रपति और PM मोदी ने व्यक्त किया दुख
इस भीषण बस हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
- पीएम मोदी की मदद: प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
सीएम भजनलाल शर्मा ने लिया जायजा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दुर्घटना की सूचना मिलते ही जयपुर से विशेष विमान के जरिए जैसलमेर पहुंचे और जली हुई बस का निरीक्षण किया। इसके बाद वह जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल पहुँचकर गंभीर रूप से झुलसे लोगों का हालचाल जाना और उनके समुचित इलाज के निर्देश दिए।
जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने अधिकारियों को घायलों के लिए तत्काल चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और मृतकों की पहचान के लिए DNA मिलान के बाद शव परिजनों को सौंपने की अपील जारी की है।