RSS 100 Years Journey in Hindi: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अपनी विकास यात्रा के चार प्रमुख पड़ावों का विश्लेषण प्रस्तुत किया है। 1925 में शुरू हुई यह यात्रा, डॉ. हेडगेवार के विचारों से प्रेरित होकर आज समाज जीवन के 32 से अधिक क्षेत्रों में सक्रिय संगठनों के साथ खड़ी है। संघ का मानना है कि समाज-परिवर्तन का महान कार्य केवल कुछ लोगों से नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज की शक्ति से ही संभव है।
पहला पड़ाव: संगठन की नींव और स्वाधीनता का संघर्ष (1925 – 1947)
संघ कार्य का पहला पड़ाव इसकी स्थापना से लेकर भारत की स्वतंत्रता तक माना जाता है। डॉक्टर हेडगेवार द्वारा 1925 में नागपुर में एक छोटी सी बैठक में संघ की स्थापना की गई। उनके जीवनकाल में ही, युवा कार्यकर्ताओं के माध्यम से संघ कार्य धीरे-धीरे देशव्यापी हो गया। 1940 में उनके निधन के बाद, माधव सदाशिव गोलवलकर (श्री गुरुजी) ने दूसरे सरसंघचालक का दायित्व संभाला।
इस दौरान, स्वयंसेवक व्यक्तिगत स्तर पर स्वाधीनता आंदोलन, समाज सेवा और समाज परिवर्तन के कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे थे। 1947 के देश विभाजन के कठिन समय में, श्री गुरुजी के आवाहन पर स्वयंसेवकों ने हिन्दुओं को बचाने, सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने तथा विस्थापितों की सहायता में स्वयं को झोंक दिया, जिससे संगठन के विस्तार को बल मिला।
दूसरा पड़ाव: प्रतिबंध, सत्याग्रह और अनुषांगिक संगठनों का उदय (1948 – 1989)
स्वाधीनता के तुरंत बाद, 1948 में राजनीतिक कारणों से संघ पर प्रतिबंध लगा दिया गया और श्री गुरुजी सहित कई कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया गया। बातचीत के रास्ते बंद होने पर, स्वयंसेवकों ने लोकतांत्रिक पद्धति से सत्याग्रह किया, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को पाबंदी हटानी पड़ी।
इसके बाद, संघ की प्रेरणा से समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संगठन शुरू हुए। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), विद्या भारती, भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय मजदूर संघ (BMS), भारतीय किसान संघ, विश्व हिन्दू परिषद (VHP) जैसे 32 से भी अधिक संगठन समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में सक्रिय और प्रभावी हैं। ये सभी संगठन स्वयंसेवकों द्वारा संघ की प्रेरणा से चल रहे हैं।
तीसरा पड़ाव: सेवा, समरसता और समाज की मुख्यधारा से जुड़ाव (1989 – 2000s)
संघ कार्य की विकास यात्रा का तीसरा पड़ाव डॉ. हेडगेवार जन्मशती (1989) से प्रारम्भ हुआ। इस दौरान वंचित, दुर्बल और पिछड़े वर्गों तक पहुँचने का संकल्प लिया गया। आत्मीयता से उनकी सहायता को अपना दायित्व मानते हुए, 1990 में सेवा विभाग की स्थापना हुई। वर्तमान में, स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से लगभग 1,29,000 सेवा कार्य संचालित हैं।
इस दौरान, संघ ने कई महत्वपूर्ण सामाजिक आंदोलन शुरू किए:
- धर्मजागरण: हिन्दू समाज के लोगों को मतांतरण से बचाने और घर वापसी का मार्ग सरल बनाने का कार्य।
- सामाजिक समरसता: अछूत प्रथा और जातीय अन्याय को दूर कर सबको समान अवसर और सम्मान दिलाने का प्रयास।
- ग्राम विकास: सरकारी योजनाओं का उपयोग करते हुए गांव का सर्वांगीण विकास करने का संकल्प।
- गौसेवा व संवर्धन: भारतीय नस्ल की गायों के संरक्षण और गोबर-आधारित जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु कार्यक्रम।
- सम्पर्क विभाग (1994): समाज के प्रभावी व्यक्तियों को संघ के विचार से जोड़ने के उद्देश्य से शुरू किया गया।
चतुर्थ पड़ाव: पंच परिवर्तन और पूर्ण समाज कार्यक्षेत्र (वर्तमान)
संघ कार्य का चौथा पड़ाव वर्तमान में चल रहा है। इस पड़ाव में संघ ने पंच परिवर्तन—सामाजिक समरसता, स्व का आग्रह, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक शिष्टाचार—को अपना लक्ष्य बनाया है।
डॉ. हेडगेवार के इस कथन के अनुसार कि “संघ कार्य केवल शाखा तक सीमित नहीं, सम्पूर्ण हिन्दू समाज ही कार्यक्षेत्र है,” आज प्रत्येक स्वयंसेवक अपनी रुचि व क्षमता के अनुसार किसी क्षेत्र को चुनकर समाज परिवर्तन में सक्रिय है। महिलाओं के लिए राष्ट्र सेविका समिति सक्रिय है, और सेवा, संपर्क, और प्रचार विभागों सहित 32+ क्षेत्रों में स्वयंसेवक, मातृशक्ति और सज्जन शक्ति (सज्जन शक्ति) मिलकर सक्रिय हैं।
प्रमुख अनुषांगिक संगठन (32+ Affiliates)
संगठन | संगठन | ||
1 | विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान | 18 | राष्ट्र सेविका समिति |
2 | विश्व हिन्दू परिषद | 19 | अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत |
3 | भारतीय किसान संघ | 20 | अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना |
4 | अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद | 21 | शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास |
5 | भारतीय शिक्षक मण्डल | 22 | संस्कृत भारती |
6 | अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद | 23 | आरोग्य भारती |
7 | भारत विकास परिषद | 24 | प्रज्ञा प्रवाह |
8 | सीमा जागरण मंच | 25 | लघु उद्योग भारती |
9 | राष्ट्रीय सेवा भारती | 26 | विज्ञान भारती |
10 | अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ | 27 | नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन |
11 | वनवासी कल्याण आश्रम | 28 | दीन दयाल शोध संस्थान |
12 | हिन्दू जागरण मंच | 29 | भारतीय मजदूर संघ |
13 | स्वदेशी जागरण मंच | 30 | सक्षम |
14 | संस्कार भारती | 31 | क्रीड़ा भारती |
15 | सहकार भारती | 32 | अधिवक्ता परिषद |
16 | साहित्य परिषद | ||
17 | भारतीय जनता पार्टी |