राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नगर स्वयंसेवक एकत्रीकरण सम्पन्न, सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने पंच प्रण पर दिया मार्गदर्शन

अलवर, 15 सितंबर 2024: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अलवर नगर द्वारा रविवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में नगर स्वयंसेवक एकत्रीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस एकत्रीकरण का उद्देश्य संघ कार्यकर्ताओं के प्रबोधन और उनके लिए मार्गदर्शन प्रदान करना था। डॉ. भागवत ने संघ के विचारों, आगामी योजनाओं, और पंच प्रण — सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, स्व का बोध, और नागरिक अनुशासन — पर विशेष रूप से जोर दिया।

समारोह का प्रारंभ:
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 7 बजे हुआ, जब सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत इंदिरा गांधी स्टेडियम पहुंचे। उनके आगमन पर अलवर नगर के घोष स्वयंसेवकों ने “माधव नील” रचना की प्रस्तुति दी। मंच पर सरसंघचालक जी के साथ क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, प्रांत संघचालक सरदार महेंद्र सिंह मग्गो, विभाग संघचालक डॉ. कृष्णकुमार गुप्ता, और जिला संघचालक अशोक मित्तल मौजूद थे।

पंच प्रण का महत्व:
अपने संबोधन में सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने कहा कि संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर हम आगामी योजनाओं पर काम करेंगे, जिनका उद्देश्य राष्ट्र को परम वैभव संपन्न बनाना है। उन्होंने कहा, “संघ का लक्ष्य केवल संगठनात्मक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य पूरे समाज को जागरूक करना और उसे राष्ट्रहित में संगठित करना है।” उन्होंने स्वयंसेवकों को पंच प्रण से अवगत कराते हुए कहा कि इन पांच विषयों को पहले स्वयंसेवकों के जीवन में उतारना होगा, तभी समाज भी इनका अनुसरण करेगा।

  1. सामाजिक समरसता:
    सामाजिक समरसता के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा, “समाज में ऊंच-नीच, छुआछूत जैसे भेदभाव समाप्त करने की आवश्यकता है। जहां संघ का प्रभावी काम होता है, वहां मंदिर, पानी और श्मशान सभी के लिए खुले होते हैं।” संघ का लक्ष्य है कि समाज के भीतर किसी भी प्रकार की भेदभावपूर्ण मानसिकता का उन्मूलन हो।
  2. पर्यावरण संरक्षण:
    पर्यावरण के प्रति जागरूकता पर चर्चा करते हुए सरसंघचालक ने कहा, “हमारी हिंदू परंपरा में प्रकृति का चैतन्य रूप में सम्मान किया जाता है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने चाहिए जैसे पानी की बचत, सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करना, पौधारोपण करना, और घरों को हरित बनाना।”
  3. कुटुंब प्रबोधन:
    परिवार के महत्व पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “परिवार के संस्कारों को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। मीडिया के दुरुपयोग के कारण नई पीढ़ी तेजी से अपने संस्कारों को भूल रही है। इसे रोकने के लिए सप्ताह में एक बार परिवार के सभी सदस्यों को साथ बैठकर भजन-पूजन करना चाहिए, एक साथ भोजन करना चाहिए, और समाज सेवा के लिए कुछ छोटे संकल्प लेने चाहिए।”
  4. स्व का बोध:
    डॉ. भागवत ने स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा, “हमें अपने देश में बने उत्पादों का उपयोग करना चाहिए और जो उत्पाद आवश्यक हों, उन्हें भी अपनी शर्तों पर खरीदना चाहिए। हमें अपने जीवन में मितव्ययिता को अपनाना होगा और समाज सेवा को अपने कर्तव्य के रूप में देखना होगा।”
  5. नागरिक अनुशासन:
    नागरिक अनुशासन के बारे में बात करते हुए सरसंघचालक ने कहा, “हम इस देश के नागरिक हैं और हमें अपने सामाजिक और संवैधानिक दायित्वों को समझना चाहिए। सामाजिक और संवैधानिक नियमों का पालन करना हमारा कर्तव्य है।”

हिंदू समाज का संगठन और राष्ट्र का निर्माण:
डॉ. भागवत ने कहा कि संघ की कार्य पद्धति लंबे समय से चली आ रही है और इसका उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित कर राष्ट्र को परम वैभव संपन्न बनाना है। उन्होंने कहा, “हिंदू धर्म विश्व धर्म है, मानव धर्म है। हिंदू समाज को संगठित करना हमारा उद्देश्य है क्योंकि हिंदू समाज ही इस देश का कर्ताधर्ता है।”

उन्होंने कहा कि संघ शाखाओं में छोटे-छोटे कार्यक्रम किए जाते हैं, लेकिन इनका लक्ष्य बड़ा है — राष्ट्र को समर्थ बनाना। “हमारी प्रार्थना में ही कहा गया है कि यह हिंदू राष्ट्र है। इसका उत्तरदायित्व हिंदू समाज का है, और राष्ट्र की उन्नति या अवनति का प्रभाव सीधे हिंदू समाज पर पड़ता है।”

कार्य की दिशा:
सरसंघचालक ने कहा कि आने वाले 1.5 से 2 वर्षों में यह सुनिश्चित करना है कि हर स्वयंसेवक अपने जीवन में पंच प्रण को आत्मसात करे। इसके साथ ही, संघ का विस्तार हर बस्ती में शाखा लगाने के लक्ष्य के साथ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर हर बस्ती में एक शाखा लगे, यह संघ का उद्देश्य है।

वृक्षारोपण कार्यक्रम:
नगर एकत्रीकरण के बाद सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने पर्यावरण संरक्षण के संदेश के तहत भूरासिद्ध स्थित मातृ स्मृति वन में वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख अरुण कुमार जैन, क्षेत्र संघचालक रमेश अग्रवाल, क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्रीवर्द्धन, क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, क्षेत्र सह कार्यवाह गेंदा लाल, और क्षेत्र प्रचार प्रमुख महावीर कुमावत उपस्थित रहे। साथ ही, केंद्र सरकार के वन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव और राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा भी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

उपस्थित स्वयंसेवकों का योगदान:
अलवर नगर के चार उपनगरों की 40 बस्तियों से कुल 2,842 स्वयंसेवकों ने इस नगर एकत्रीकरण में भाग लिया। घोष टोली ने अपने विशेष प्रदर्शन से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

(रिपोर्ट: महेंद्र सिंह मग्गो, प्रांत संघचालक)

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