लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे है ..चुनाव से पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर क्लीयर कर दिया है कि वो विपक्षी खेमे के गठबंधन में शामिल नहीं होंगी.दरअसल यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने ये कहकर सियासी हलचल तेज़ कर दी थी कि बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए इंडिया गठबंधन के दरवाजे खुले हैं, जिसे लेकर अब बसपा मुखिया की प्रतिक्रिया सामने आई है. मायावती ने तमाम बातों को जवाब देते हुए साफ कर दिया कि वो किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगी और अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेंगी….बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘आगामी लोकसभा आम चुनाव बीएसपी द्वारा किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करने की बार-बार स्पष्ट घोषणा के बावजूद आए दिन गठबंधन सम्बंधी अफवाह फैलाना यह साबित करता है कि बीएसपी के बिना कुछ पार्टियों की यहाँ सही से दाल गलने वाली नहीं है, जबकि बीएसपी को अपने लोगों का हित सर्वोपरि है’ उन्होंने आगे कहा, ‘अतः सर्व समाज के ख़ासकर गरीबों, शोषितों एवं उपेक्षितों के हित व कल्याण के मद्देनजर बीएसपी का देश भर में अपने लोगों के तन, मन, धन के सहारे अकेले अपने बलबूते पर लोकसभा आम चुनाव लड़ने का फैसला अटल है. लोग अफवाहों से ज़रूर सावधान रहें’ इससे पहले बीते जनवरी में मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर क्लीयर कर दिया था कि बीएसपी अकेले ही लोकसभा चुनाव में जाएगी. उन्होंने कहा था,हमारी पार्टी देश में जल्दी ही घोषित होने वाले लोकसभा के आम चुनाव गरीबों एवं उपेक्षित वर्गों में से विशेषकर दलितों, आदिवासियों, अति वर्गों मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के बलबूते पर ही पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ेगी. यूपी की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी एक अलग स्थान रखती है। पार्टी कैडर बेस्ड पार्टी है। भले ही मायावती ने पिछले दो चुनावों में अधिक प्रचार न किया हो, इसके बाद भी उनका समर्पित वोट बैंक उनके साथ खड़ा दिखता है। मायावती ने यूपी की राजनीति में हमेशा लगभग 25 फीसदी वोट की राजनीति की है। पिछले चुनावों में पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। यूपी चुनाव 2022 के दौरान बसपा करीब 12 फीसदी वोट बैंक तक सिमट कर रह गई। भारतीय जनता पार्टी और सपा ने बसपा के वोट बैंक पर अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। इस प्रकार की स्थिति में बहुजन समाज पार्टी के सामने चुनौती बड़ी है। कांग्रेस की स्थिति भी कमोबेश इसी प्रकार की है।