राजस्थान का नाम सुनते ही हमारे मन में रेत के टीले, किले और महल की तस्वीरें आती हैं। लेकिन अगर आप सीकर की ओर रुख करते हैं, तो आपको एक ऐसी जगह मिलेगी जो न सिर्फ़ प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है बल्कि धार्मिक आस्था और इतिहास से भी जुड़ी है – यह जगह है Harsh Parvat (हर्ष पर्वत) और इसके ऊपर स्थित Harshnath Temple (हर्षनाथ मंदिर)।
Harsh Parvat – शेखावाटी का नैसर्गिक चमत्कार
- यह पर्वत सीकर शहर से लगभग 15 किमी दक्षिण में स्थित है और समुद्र तल से करीब 3,000 फीट ऊँचा है।
- इसे राजस्थान का दूसरा सबसे ऊँचा स्थान माना जाता है, माउंट आबू के बाद।
- मानसून में यहाँ का हरा-भरा नज़ारा इसे एक मिनी-हिल स्टेशन जैसा बना देता है।
- यहाँ से पूरे सीकर, आस-पास के गाँव और दूर-दूर तक फैली अरावली पहाड़ियाँ साफ दिखाई देती हैं।
Harshnath Temple – आस्था और स्थापत्य का अद्भुत संगम प्राचीन इतिहास
- Harshnath Temple का निर्माण 960–973 ईस्वी में हुआ था।
- इसे चौहान वंश के राजा विग्रहराज प्रथम के शासनकाल में, शिव-साधु भावरक्त द्वारा बनवाया गया।
- यह मंदिर महामेरु शैली में बना था और अपने समय की श्रेष्ठ कारीगरी का उदाहरण माना जाता था।
विनाश और पुनर्निर्माण
- 17वीं सदी में औरंगज़ेब के आदेश पर इस मंदिर को नुकसान पहुँचाया गया।
- 1718 ईस्वी में सीकर के शासक राव शिव सिंह ने प्राचीन खंडहरों की मदद से इसका पुनर्निर्माण करवाया।
- आज भी यहाँ प्राचीन खंडहर और नया मंदिर दोनों मौजूद हैं, जो इतिहास और आस्था का जीवंत प्रमाण हैं।
धार्मिक मान्यता
- मान्यता है कि हर्षनाथ मंदिर और Jeen Mata मंदिर आपस में भाई-बहन के प्रतीक माने जाते हैं।
- सावन और महाशिवरात्रि के समय यहाँ विशेष मेलों और धार्मिक आयोजन होते हैं।
- इस समय दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ आते हैं और मंदिर परिसर श्रद्धा और भक्ति से गूंज उठता है।
क्यों घूमने जाएँ Harsh Parvat?
- पैनोरमिक व्यू: पहाड़ी की चोटी से दिखाई देने वाला नज़ारा अविस्मरणीय है।
- प्राकृतिक सौंदर्य: मानसून और सर्दियों में यहाँ की खूबसूरती दोगुनी हो जाती है।
- वन्य जीवन: बंदर, लंगूर और विभिन्न पक्षियों को देखने का अवसर मिलता है।
- पवन ऊर्जा केंद्र: यहाँ लगे विंड टरबाइन आधुनिक विकास और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक हैं।
- फोटोग्राफी हॉटस्पॉट: मंदिर के खंडहर, पहाड़ी का नज़ारा और प्राकृतिक वातावरण इसे फोटोग्राफरों के लिए आदर्श जगह बनाते हैं।

Harsh Parvat तक पहुँचने के रास्ते
🚉 रेलवे मार्ग
नज़दीकी स्टेशन: सीकर जंक्शन
दूरी: लगभग 15 किमी, जिसे टैक्सी या ऑटो से आसानी से तय किया जा सकता है।
🚌 सड़क मार्ग
जयपुर से दूरी: 115 किमी (लगभग 2.5 घंटे की यात्रा)
सीकर तक बस या निजी वाहन से पहुँचकर हर्ष पर्वत तक लोकल टैक्सी या जीप से जाया जा सकता है।
✈ हवाई मार्ग
नज़दीकी हवाई अड्डा: जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (115 किमी दूर)
यात्रियों के लिए सुझाव
घूमने का सबसे अच्छा समय: जुलाई से मार्च
मंदिर परिसर में बंदर अधिक हैं, इसलिए खाने-पीने की चीज़ों को सावधानी से रखें।
फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए यहाँ प्राकृतिक रोशनी और बैकग्राउंड बेहतरीन है।
खाने-पीने और ठहरने की सुविधा
सीकर शहर में आपको सभी प्रकार के होटल और रेस्टोरेंट मिल जाएंगे – बजट से लेकर लग्ज़री तक।
सीकर के मशहूर पकवान – घेवर, फेणी, गजक और मिर्ची बड़ा ज़रूर चखें।
🏞 आसपास घूमने लायक जगहें
Jeen Mata Temple – हर्ष पर्वत से कुछ ही दूरी पर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ।
Khatushyam Ji Temple – सीकर जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल, लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
Laxmangarh Fort – शेखावाटी की भव्य किलाबंदी का प्रतीक।
Shekhawati Havelis – रंग-बिरंगे भित्ति-चित्रों और हवेलियों के लिए विश्व प्रसिद्ध।