मोदी सरकार का बड़ा फैसला: देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू

भारत सरकार ने आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को देशभर में लागू कर दिया है। इस कानून के तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। इस कदम को सरकार ने उन लोगों के लिए एक नई आशा की किरण बताया है, जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण अपने देशों से भागकर भारत आए हैं।

गृह मंत्रालय ने CAA के नियमों को अधिसूचित करते हुए इसे लागू करने की प्रक्रिया को आधिकारिक रूप दिया। इस कानून के अनुसार, उन शरणार्थियों को जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं, छह साल के भीतर नागरिकता दी जाएगी। इस संशोधन ने नागरिकता प्राप्ति के लिए आवश्यक निवास की अवधि को 11 साल से घटाकर पांच साल कर दिया है।

हालांकि, इस कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। विपक्षी दलों और कुछ समुदायों का कहना है कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद-14 के विरुद्ध है और यह धार्मिक आधार पर भेदभाव करता है। सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि CAA किसी की नागरिकता छीनने वाला नहीं, बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है।

इस नए कानून के लागू होने से भारतीय नागरिकता की दिशा में एक नया अध्याय जुड़ गया है, और इसे लेकर देशभर में विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं

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