Swyam Ki Khoj Book: भौतिकता से अलौकिक राह जाने की ओर “स्वयं की खोज” पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली। प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में नील-नारायण प्रकाशन , दिल्ली द्वारा प्रकाशित “स्वयं की खोज” नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। लेखक चेतनानंद ने अपनी पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा, मनुष्य की सफलता व जीवन यापन में बहुत से व्यक्तियों का योगदान रहता है। जैसे परिवार में माँ, पिता, पत्नी, भाई, बहन, संतान, दोस्त व रिश्तेदार आदि व समाज में जैसे लेखक, डॉक्टर, वैज्ञानिक, ड्राइवर, शासक, व्यवसायी आदि अनगिनत व्यक्तियों के सहयोग से मनुष्य का जीवन बनता है। यहाँ तक कि मनुष्य का जीवन पूरी तरह से कुदरत यानी वसुधैव कुटुम्बकम पर ही आधारीत है। इसलिये हर मनुष्य का जीवन बनने में पूरे वसुधैव कुटुंब का सहयोग रहता है। उन्होंने कहा भौतिक जीवन जीने व भौतिक जीवन की सफलता में सहयोग करना एक अलग बात है परन्तु जीवन को जीवंत करना यानि जीवन को भौतिक जीवन यात्रा से आध्यात्मिक जीवन यात्रा की और मोड़ना महत्वपूर्ण काम है व ऐसे व्यक्ति ही सबसे ज़्यादा कृतज्ञता के हकदार होते है। उन्होंने कहा भगवान के आशीर्वाद से मैं भौतिक संपदा को छोड़कर अलौकिक संपदा पाने की राह पर चल पाया। मेरी यह किताब “स्वयं की खोज” उन्हीं को समर्पित है। प्रेसवार्ता में मंच संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार व प्रेरक वक्ता राकेश कुमार झा ने पुस्तक पर प्रकाश डाला और बताया पुस्तक आज के भौतिक जीवन की आपा-धापी से बाहर के जीवन में झांकने में सहायक साबित हो सकती है। उन्होंने कहा यह पुस्तक एक लम्बे अंतराल की मेहनत के बाद प्रकाशित हो पाई है। जिसमें प्रकाशक द्वारा सुंदर प्रस्तुतीकरण किया गया है। विमोचन में बतौर मुख्य अतिथि दिल्ली से महंथ नवल किशोर दास जी महराज, जयपुर से श्री श्री 1008 विष्णु दास जी महराज, कांग्रेस लीडर गायत्री देवी एवं वरिष्ठ संपादक रोहित तिवारी जी के साथ साथ कई गणमान्य और बुद्धिजीवी व्यक्ति भी शामिल रहे।

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