लक्ष्मी माता जी की आरती लिरिक्स (श्लोक सहित): महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं… ॐ जय लक्ष्मी माता

श्री लक्ष्मी माता की संपूर्ण आरती "ॐ जय लक्ष्मी माता" के लिरिक्स हिंदी और हिंग्लिश में पढ़ें। दीपावली लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ लक्ष्मी जी की आरती।

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Laxmi Mata Aarti Lyrics in Hindi and Hinglish: दीपावली पूजन या किसी भी शुभ अवसर पर माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए, उनकी आरती का विशेष महत्व है। आरती का पूर्ण फल तभी प्राप्त होता है, जब उसे मंगलाचरण श्लोकों के साथ संपन्न किया जाए।

यहाँ माँ लक्ष्मी की संपूर्ण आरती, पारंपरिक मंगलाचरण श्लोकों के साथ, गायन की सुविधा के लिए 4-पंक्ति के प्रारूप में प्रस्तुत है।


मंगलाचरण श्लोक

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥


श्री लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

( समापन श्लोक ) ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥


Mangalacharan Shlok

Mahalakshmi namastubhyam, Namastubhyam Sureshwari.
Hari Priye namastubhyam, Namastubhyam Dayanidhe.
Padmalaye namastubhyam, Namastubhyam cha Sarvade.
Sarvabhoota hitarthaya, Vasu srishtim sada kurum.

Laxmi Aarti Lyrics (Hinglish)

Om Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Lakshmi Mata.
Tumko nisdin sevat, Har Vishnu Vidhata.
॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

Uma, Rama, Brahmani, Tum hi Jag Mata.
Surya Chandrama dhyavat, Narad Rishi gaata.
॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

Durga roop niranjani, Sukh-sampatti data.
Jo koi tumko dhyata, Riddhi-Siddhi dhan pata.
॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

Tum hi patal nivasini, Tum hi shubhdata.
Karma-prabhav-prakashni, Bhav nidhi ki trata.
॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

Jis ghar tum rehti ho, Taahi mein hain sadguna aata.
Sab sambhav ho jaata, Mann nahi ghabrata.
॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

Tum bin yagya na hota, Vastra na koi pata.
Khaan paan ka vaibhav, Sab tumse aata.
॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

Shubh gun mandir sundar, Kshirodadhi jata.
Ratna chaturdash tum bin, Koi nahi pata.
॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

Mahalakshmi ji ki aarti, Jo koi nar gaata.
Urr aanand samata, Paap utar jaata.
॥Om Jai Lakshmi Mata…॥

( Samapan Shlok ) Om Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Lakshmi Mata.
Tumko nisdin sevat, Har Vishnu Vidhata

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