अशोक गहलोत से जुड़ी रोचक जानकारी । All About Ashok Gehlot in Hindi

अशोक गहलोत वर्तमान में राजस्थान के मुख्यमंत्री और जोधपुर के सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं।

अशोक गहलोत 7वीं लोकसभा (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्‍होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्‍व किया।

सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर 1999 में 11वीं राजस्‍थान विधानसभा के सदस्‍य बने। वे 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं विधानसभा के लिए भी चुने गए।

11 वीं विधानसभा में वे राज्य के पहली बार मुख्यमंत्री बने। 13 वीं विधानसभा में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। 2019 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनें।

अशोक गहलोत का जन्म 3 मई 1951 को महामंदिर, जोधपुर, राजस्थान में हुआ था।

अशोक गहलोत के पिता का नाम बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत है। वे एक विख्यात जादूगर थे।

गहलोत के दो भाई और एक बहन है।

अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्नातक की डिग्री और अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की।

राजनीति में आने से पहले गहलोत डॉक्टर बनना चाहते थे और उन्होंने एक मेडिकल कॉलेज में दाखिला भी ले लिया था, जिसे उन्होंने बाद में छोड़ दिया।

गहलोत का विवाह 27 नवम्बर 1977 को श्रीमती सुनीता गहलोत से हुआ था।

अशोक गहलोत के 2 बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की। बेटे का नाम वैभव गहलोत तथा बेटी का नाम सोनिया गहलोत है।

2017 में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म की एक जांच में “पैराडाइज पेपर्स” की सूची में राजनेताओं के बीच उनका नाम उजागर हुआ था। हालांकि, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के कारण मामले से उनका नाम हटा दिया गया था।

2011 में, अशोक गहलोत एक विवाद में फंस गए थे, जब राजस्थान सरकार ने कथित तौर पर अशोक के परिवार के सदस्यों के साथ वित्तीय संबंध रखने वाली फर्मों को ₹11,000 करोड़ की संपत्ति और कॉन्ट्रैक्ट दिए थे।

2013 में, जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच पर एक सार्वजनिक समारोह में गहलोत को गले लगाया; इस घटना ने मीडिया में तहलका मचा दिया था।

भारत के तीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के काल में इन्हें केन्द्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया।

गहलोत तीन बार कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष तथा कई बार जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे हैं।

तीन बार के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव चुना गया।

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