मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने रविवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई, Confederation of Indian Industry) की नेशनल काउंसिल के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट (Rising Rajasthan Global Investment Summit) केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह राजस्थान की औद्योगिक समृद्धि की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में मिनरल्स (Minerals), प्राकृतिक गैस (Natural Gas), पर्यटन (Tourism), शिक्षा (Education), चिकित्सा (Healthcare), ऑटोमोबाइल (Automobile) सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के ‘विकसित भारत’ (Developed India) के साथ राजस्थान के ‘विकसित राज्य’ (Developed Rajasthan) के विजन को साकार करने के लिए प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है।
राजस्थान में निवेश को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय बाजार (Global Market)
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सीआईआई (CII) ने राइजिंग राजस्थान समिट (Rising Rajasthan Summit) को एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना दिया है, जहां विचारों का आदान-प्रदान (Idea Exchange), साझेदारी (Partnership), और भविष्य की विकास रणनीतियों (Future Development Strategies) पर काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस समिट के माध्यम से राजस्थान के उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) मिलेगा और विदेशी निवेशक (International Investors) भी राज्य की प्रगति का हिस्सा बनेंगे।
30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू (MOUs Worth ₹30 Lakh Crore)
मुख्यमंत्री ने बताया कि राइजिंग राजस्थान समिट के तहत अब तक 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के एमओयू (Memorandums of Understanding) साइन किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए आकर्षक पॉलिसी फ्रेमवर्क (Policy Framework) तैयार किया गया है। हाल ही में लॉन्च की गई रिप्स 2024 (Rajasthan Investment Promotion Scheme 2024) के साथ-साथ 9 नई नीतियां भी लागू की गई हैं।
आधारभूत संरचना में हो रहा व्यापक विकास (Infrastructure Development)
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की आर्थिक प्रगति (Economic Progress) के लिए 53,000 किलोमीटर लंबी सड़कें (Roads), 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressways), और ऊर्जा उत्पादन (Energy Production) को 30 गीगावाट (30 GW) से बढ़ाकर 125 गीगावाट (125 GW) करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही पानी की पर्याप्त उपलब्धता (Adequate Water Availability) सुनिश्चित करने के लिए व्यापक परियोजनाएं (Comprehensive Projects) भी शुरू की गई हैं।
नए औद्योगिक क्षेत्रों से उद्योगों को बढ़ावा (Boost to Industries with New Industrial Zones)
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में पांच नए औद्योगिक क्षेत्रों (New Industrial Zones) का नामकरण श्रीराम जानकी औद्योगिक क्षेत्र (Shri Ram Janaki Industrial Area) के रूप में किया गया है, जिनमें सत्तासर (Sattasar, Bikaner), बलारिया (Balaria, Sawai Madhopur), जटलाव (Jatlaw, Sawai Madhopur), रामसर (Ramsar, Barmer) और राजास (Rajas, Nagaur) शामिल हैं। साथ ही आठ अन्य औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना (Industrial Area Establishment) की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है।
राजस्थान को विकास, निवेश और रोजगार के नए युग में ले जाने का आह्वान (Call for New Era of Development and Employment)
मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास (Skill Development), पारदर्शी व्यवस्था (Transparent Governance), और नवाचार (Innovation) के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था (State Economy) को अगले पांच वर्षों में दोगुना (Double in Five Years) करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने उद्योगपतियों और सीआईआई के सदस्यों से राजस्थान को निवेश और रोजगार (Investment and Employment) के नए युग में ले जाने के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति (Presence of Eminent Guests)
इस अवसर पर भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन (Chief Economic Advisor, V. Anantha Nageswaran), अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल (Additional Chief Secretary, Shikhar Agarwal), सीआईआई अध्यक्ष संजीव पुरी (CII President, Sanjiv Puri), उद्योगपति अनिल अग्रवाल (Industrialist, Anil Agarwal), माधव सिंघानिया (Madhav Singhania), और अन्य वरिष्ठ अधिकारी (Senior Officials) उपस्थित रहे।
‘राइजिंग राजस्थान’ समिट (Rising Rajasthan Summit) के माध्यम से राज्य की औद्योगिक और आर्थिक प्रगति (Industrial and Economic Progress) को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सभी उद्योगपतियों को इस ऐतिहासिक पहल का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।