ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर (Hiralal Nagar, Energy Minister) ने जयपुर डिस्कॉम (Jaipur Discom) के प्रथम शिशु पालना गृह (Child Care Center) का लोकार्पण करते हुए कहा कि राज्य सरकार की बिजली कंपनियों के निजीकरण (Privatization) की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य की दीर्घकालिक ऊर्जा आवश्यकताओं (Long-term Energy Needs) को ध्यान में रखते हुए बिजली कंपनियों ने कई केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (Central Public Sector Enterprises) के साथ राज्यहित में एमओयू (MoUs) साइन किए हैं।
शिशु पालना गृह की विशेषताएं
- 55 लाख रुपये की लागत से निर्मित।
- 50 बच्चों की क्षमता।
- केयर टेकर, आगंतुक कक्ष, रसोई घर, फीडिंग रूम और पोषणयुक्त आहार जैसी सुविधाएं उपलब्ध।
- विशेष रूप से महिला कर्मियों (Women Employees) को ध्यान में रखकर बनाया गया।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस पालना गृह से कर्मचारियों, विशेषकर महिला कार्मिकों को अपने बच्चों की देखभाल के प्रति निश्चिंतता मिलेगी, जिससे वे अधिक मनोयोग से कार्य कर पाएंगे।
ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और योजनाएं
- आरडीएसएस योजना (RDSS Scheme):
बिजली वितरण तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए 8 हजार करोड़ रुपये की उपलब्धता। - हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (Hybrid Annuity Model):
नवाचार के तहत डिस्कॉम में राजमार्ग निर्माण जैसी तकनीकें लागू होंगी। - सौर ऊर्जा (Solar Energy) में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ (Rising Rajasthan Global Investment Summit) के माध्यम से ऊर्जा क्षेत्र में अधिकतम भागीदारी।
सिविल लाइंस विधायक ने सराहा
सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा (Gopal Sharma, MLA Civil Lines) ने इस पहल को संवेदनशील और प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि पालना गृह के माध्यम से बच्चों में देश की संस्कृति और महापुरुषों के प्रति गौरव का भाव जगाया जाना चाहिए।
समारोह में प्रमुख उपस्थिति
कार्यक्रम में जयपुर डिस्कॉम के तकनीकी निदेशक एसएस नेहरा (SS Nehra, Technical Director), सचिव (प्रशासन) एचबी भाटिया (HB Bhatia, Secretary Administration) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।