ऐसा मुग़ल शासक जो कई दफा अपने दरबार में नंगा चला जाया करता था!

उत्तर मुगल काल (1707–1857) मे एक से एक मंदबुद्धि शासक हुए जिनको साशन करने की रत्ती भर भी अक्ल नही थी और धीरे धीरे बंगाल , अवध कब्जे से खो दिया उसी क्रम में एक शासक हुए रोशन अख्तर इनको रंगीला बादशाह भी कहते थे । साशन इसहोने मोहम्मद शाह के नाम से किया और पूरा मुगल लुटवा दिए।

ये नग्न आते थे या नही इसके प्रमाण कम ही मिलते हैं पर भोगवादी मानसिकता में लिप्त साशक था ये और इसी के समय ने नादिर शाह ने मयूर सिंहासन लूट किया जिसपर कोहिनूर लगा था।

चलिये विस्तार में समझते हैं चलते हैं इतिहास के पन्नो में :-

शाहजहां ने इतना ज्यादा धन की बर्बादी की जिसके चलते औरंगजेब के बाद ज्यादा धन नही बचा और वो अत्याचार पर उतर आया धार्मिक स्थलो की तोड़ फोड़ लूट पाट शुरू हो गया जिसका असर आने वाले साशकों पर पड़ा और औरंगजेब के बाद आये बहादुर शाह जफर प्रथम जिसको बेखबर नाम से बुलाया जाता था उसके बाद आये जहाँदार शाह इनको लंपट मूर्ख के नाम से बुलाया जाता था। फिर आये फरुखसियर जिनको कायर नाम से बुलाया जाता था और फिर आये इस प्रश्न के उत्तर वाले राजा के नाम पर कलंक रोशन अख्तर उर्फ मोहम्मद शाह उर्फ रंगीला बादशाह।

रंगीला बादशाह के बाद आये साशक अहमद शाह पर उससे पहले रंगीला बादशाह इतना लुटा चुके थे कि अहमदशाह के काल मे गरीबी आ गयीमुगलों को अपना सामान तक बेचना पड़ गया ।

रंगीला के साशन में मुगल कई टुकड़ों में टूट गया बंगाल तोड़ लिया मुर्शिद कुली खां ने हैदराबाद निजामों ने तोड़ लिया। अवध तोड़ा सआदत खां उसके बाद 1737 में मराठा ने आक्रमण कर दिया ।

हालांकि मराठा ने कब्जा न करकेमुगलों द्वारा धन दौलत जो लूटी गई थी सब वापस ले ली फिर 1739 में नादिर शाह ने आक्रमण अवध पर किया पर सआदत खा ने उसको दिल्ली आक्रमण के लिए भेज दिया। और वहां जमकर लूटपाट की मयूर सिंहासन भी खो दिया मुगलों ने रँगीला के काल मे।

अपनी भोगवादी और निकम्मे साशन के कारण इनको रंगीला बादशाह कहा जाता था इन्ही के बारे में कुछ इतिहासकार कहते हैं ये दरबार में नग्न ही आ जाता था और मौजूद महिलाओं को भी नग्न रहने को कहता था (हालांकि इसके पुख्ता सबूत नही है) ऐसी घृणित कार्य करने की सजा ही ईश्वर ने दी और कायदे से मुगल के अंत की नीव इनके कार्यकाल में पड़ी।

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