यात्रियों को मिली बड़ी राहत: राजस्थान में निजी स्लीपर बस ऑपरेटर्स की हड़ताल समाप्त, सुरक्षा मानकों पर बनी सहमति

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दिवाली के ठीक पहले शुरू हुई निजी स्लीपर बस ऑपरेटर्स की हड़ताल आखिरकार मंगलवार देर रात समाप्त हो गई। परिवहन मुख्यालय में लंबी बातचीत और कई दौर की बैठकों के बाद, बस ऑपरेटर्स यूनियन ने बिना किसी शर्त के हड़ताल वापस ले ली। 30 अक्टूबर से जारी इस हड़ताल के चौथे दिन खत्म होने से हजारों यात्रियों को बड़ी राहत मिली है, जिन्हें त्योहारों के इस समय में यात्रा संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।


सुरक्षा मानकों पर परिवहन विभाग का कड़ा रुख

परिवहन विभाग और यूनियन के बीच मंगलवार रात तक चली बैठक का मुख्य फोकस यात्रियों की सुरक्षा रहा। इस बैठक में यह सहमति बनी कि सभी निजी स्लीपर बसें सुरक्षा मानकों (Safety Standards) और बॉडी कोड (Body Code) के अनुरूप ही संचालित होंगी। विभाग ने शुरू से ही अपना रुख स्पष्ट रखा था कि नियमों का पालन किए बिना कोई भी बस सड़क पर नहीं उतरेगी।

  • अनिवार्य नियम: तकनीकी फिटनेस, अग्नि सुरक्षा (Fire Safety), आपातकालीन निकास (Emergency Exit) और स्लीपर डिजाइन से जुड़े नियमों का पालन अनिवार्य किया गया है।
  • यूनियन की सहमति: यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने यात्रियों की सुरक्षा को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सभी निर्देशों का पालन किया जाएगा।

हड़ताल खत्म होने का संकेत सोमवार को ही मिल गया था, जब बस ऑपरेटर्स का प्रतिनिधिमंडल परिवहन मंत्री और उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा से मिला था। उस दौरान भी विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा था कि हाल के वर्षों में दुर्घटनाओं और आग लगने की घटनाओं के बाद स्लीपर बसों में सुरक्षा मानक कड़े करना आवश्यक हो गया था, और बिना सुरक्षा जांच पूरी किए किसी बस को परमिट या संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

चार दिन की हड़ताल का व्यापक प्रभाव

चार दिन की इस हड़ताल का सीधा और गंभीर असर आम यात्रियों पर पड़ा। दिवाली के ठीक पहले कई महत्वपूर्ण रूटों पर निजी बस सेवाएँ पूरी तरह बंद रहीं। इसके कारण सरकारी रोडवेज बसों और ट्रेनों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया। यात्रियों को टिकटों की बढ़ी हुई कीमतें चुकानी पड़ीं, सीटें फुल हो गईं, और कई लोगों को अपनी यात्रा योजनाएँ मजबूरी में रद्द या स्थगित करनी पड़ीं। त्योहारों के समय लंबी दूरी की यात्रा करने वाले लाखों लोगों के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण रही।

बस ऑपरेटर्स ने हड़ताल इसलिए की थी क्योंकि उनका कहना था कि सुरक्षा मानक अचानक सख़्ती से लागू कर दिए गए हैं, जबकि बसों को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने में समय लगता है।

भविष्य की राह: समयबद्ध अपग्रेडेशन और राहत

यूनियन और विभाग के बीच हुई सहमति के बाद अब सभी बस ऑपरेटर्स को समयबद्ध तरीके से अपनी बसों को निर्धारित मानकों के अनुरूप अपग्रेड करना होगा। परिवहन विभाग ने भी आश्वासन दिया है कि तकनीकी समस्याओं और दस्तावेज़ी प्रक्रिया को समय पर निपटाया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।

हड़ताल खत्म होने के बाद रूटों पर बसों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। अगले कुछ घंटों में राज्यभर में निजी बस सेवाएँ पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद है। दिवाली से पहले यात्रियों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि अब उन्हें अपनी यात्रा योजनाएँ रद्द या स्थगित नहीं करनी पड़ेंगी।

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