नई दिल्ली/लंदन: हिंदुजा समूह (Hinduja Group) के अध्यक्ष और भारतीय मूल के प्रतिष्ठित अरबपति गोपीचंद हिंदुजा का आज लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। उनके निधन से वैश्विक व्यापार जगत और भारतीय उद्योग को गहरा झटका लगा है। गोपीचंद हिंदुजा को न केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में एक प्रमुख बिजनेस टाइकून के रूप में जाना जाता था।
स्वास्थ्य और पारिवारिक पृष्ठभूमि
सूत्रों के अनुसार, गोपीचंद हिंदुजा हिंदुजा ब्रदर्स में सबसे बड़े थे और लंबे समय से लेवी बॉडी डिमेंशिया (Lewy body dementia) नामक बीमारी से पीड़ित थे। उन्होंने मुंबई स्थित जय हिंद कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी।
गोपीचंद हिंदुजा अपनी पत्नी सुनीता हिंदुजा के साथ तीन बच्चों के पिता थे—जिनमें दो बेटे संजय और धीरज, और एक बेटी रीता शामिल हैं। उनके साथ उनके तीन भाई श्रीचंद, प्रकाश, और अशोक भी परिवार और समूह का हिस्सा रहे हैं।
व्यावसायिक यात्रा और समूह का विस्तार
गोपीचंद हिंदुजा ने अपनी व्यावसायिक यात्रा की शुरुआत 1959 में मुंबई से की थी। उन्होंने और उनके भाइयों ने अपने करियर की शुरुआत अपने पिता के कपड़ा और व्यापारिक व्यवसाय से की थी, जो भारत के बॉम्बे और ईरान के तेहरान में स्थित थे। उनके शुरुआती सफल व्यवसायों में भारत से ईरान को खाद्य वस्तुओं और लौह अयस्क (Iron Ore) का निर्यात शामिल था।
उनके नेतृत्व में हिंदुजा समूह ने अभूतपूर्व विस्तार किया और वह यूके में हिंदुजा समूह और हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड (Hinduja Automotive Ltd.) के अध्यक्ष बने। उनकी अध्यक्षता में हिंदुजा समूह का विस्तार ऑटोमोटिव, ऊर्जा, वित्त और स्वास्थ्य सेवा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुआ, जिनमें अशोक लीलैंड (Ashok Leyland), इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank), GOCL Corporation, Gulf Oil Lubricants India, Hinduja Global Solutions, और NDL Ventures जैसी भारत में सूचीबद्ध छह कंपनियाँ शामिल हैं।
गोपीचंद हिंदुजा ने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से ये वैश्विक उद्योग खड़े किए। आज भारत ने न केवल एक महान व्यक्ति, बल्कि एक ऐसे बिजनेस टाइकून को खोया है जिनकी यादें, काम और सीख हमेशा व्यापार जगत को राह दिखाती रहेंगी।
